मस्त हवा का झोंका हूँ मैं
अपनी धुन में बहता हूँ मैं
इक दिन कुंदन बन जाऊँगा
इश्क़ में तपता सोना हूँ मैं
चेहरों पर लिखा रहता हूँ
बेचैनी का मिसरा हूँ मैं
उस की क़ीमत बढ़ जाती है
जिस की तमन्ना करता हूँ मैं
वो ही मुझ में बोल रहा है
जिस की आस में बैठा हूँ मैं
डाल डाल से पूछ ले चाहे
तू आया तो चहका हूँ मैं
तू भी शायद जान गया है
बिलकुल तेरे जैसा हूँ मैं
तू ही पार लगाएगा अब
तेरी सोच में डूबा हूँ मैं
अक्सर मुश्किल में रहता हूँ
आख़िर सीधा साधा हूँ मैं
जाने कितनी आग है दिल में
ठंडी आंहे भरता हूँ मैं
मरने के इमकान बहुत थे
लेकिन अब तक ज़िंदा हूँ मैं
तेरे सारे नक्श हैं मुझ में
आखिर तेरा बंदा हूँ मैं
ज़िंदा रहने की ख्वाहिश में
मारा मारा फिरता हूँ मैं
तू पढ़ ले तो प्यार का क़िस्सा
तू गा ले तो नग़मा हूँ मैं
दिल से कह दे जो कहना हैं
दिल की बात समझता हूँ मैं
फुर्सत में फिर मिलना 'आज़िम '
हाँ लेकिन अब चलता हूँ मैं
___________आज़िम कोहली