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मैँ :: punjabizm.com
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ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ  .
ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ
Posts: 2441
Gender: Male
Joined: 12/Nov/2011
Location: New Delhi
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मैँ

कहने को खुली किताब हूँ मैँ !
मगर सच कहूँ
तो एक राज़ हूँ मै!
सब को लगता है लहर हूँ,
नदी हूँ या समन्दर हूँ मै!
मगर सच कहूँ तो बस
प्यास हूँ मै!!
खुद का नौकर, खुद
का मालिक, खद से आज़ाद हूँ मै!
हवाओँ
कि भी बन्दिश के बस सख्त खिलाफ़ हूँ मै!!
सब को लगता है रस्ता हूँ,
मन्जिल हूँ
या किनारा हूँ-मगर सच कहूँ
बस तलाश हूँ मै!
कहने को खुली किताब हूँ मै!
मगर सच कहूँ
तो राज़ हूँ मैँ!
चलना रूकना मेरी मर्जी-
अपनी खातिर इतना खास हूँ मै!
तुम समझोगे
खुशी हूँ गम हूँ हंसी हूँ
मगर सच कहूँ बस
एहसास हूँ मैँ!
अपनी जंग का खुद सिपाही बस
अपना हथियार हूँ मैँ!
तुम समझोगे सूरज हूँ,
चाँद हूँ, या सितारा हूँ
मगर सच कहूँ तो बस
आसमान हूँ मैँ!
अपनी जिद हूँ,
अपनी ख्वाहिश अपना ही विश्वास हूँ मै!
तुम समझोगे मौन हूँ,
अन्त हूँ, अंजाम हूँ मगर सच
कहूँ तो बस शुरूआत हूँ मैँ!

 

 

ਹਿਤੇਸ਼  ਰਵੈਯਾ

20 Oct 2014

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