मैं” ने तीन मंज़िला मकान इसलिए बनाया था।
की मेरे बच्चे एक साथ रह सके “
बाबा अक्सर ये बात कहते थे।
लेकिन उनका इंतिकाल होते ही
हमने मकान बेचने का फैसला किया।
न हम तीनो भाई एक साथ रह सकते थे।
न हमारी बीवीयां।
अखबार में इश्तिहार देखकर कई ख्वाहिशमंद आये।
एक साहब से मुआमला तै पा गया।
मैं ने उनसे बैयाना लेकर पूछा ?
“आप को ये मकान क्यूँ पसंद आया”
“मेरे तीन बेटे है” इन्होने बताया
“मैं तीन मंज़िला मकान इसलिए खरीदना चाहता हूँ
कि मेरे बच्चे हमेशा साथ रहे”
A great message convey to the readers and the society through the poetry is very superb and impressive,............thoughtfull and a meaningfull,........TFS.