Punjabi Poetry
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ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ  .
ਬਿੱਟੂ ਕਲਾਸਿਕ
Posts: 2441
Gender: Male
Joined: 12/Nov/2011
Location: New Delhi
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मुक्ति
 
मुक्ति  ------- वो बाल जो मैंने इसलिए  बड़े किए थे , कि तेरे गाव के लड़के  मुझे काली मेम  कह कर न छेड़े , बाल काटने वाली चीनी लड़की ने  फिर छोटे काट दिए है |  न पहने रेशमी सूटो को  अलमारी के अँधेरे कोने में  पतलूनो के पीछे धकेल दिया है | तेरा अधूरा स्वेटर सलाइओ समेत  दूर रख कर ऊँगलिया टाईप रायटर से ब्याही गयी है |  बाथरूम में से सिगरिटो का  पैकट निकाल  और कॉफ़ी हॉउस में धुँआ  छोड़ कर  मुझे लगता है  तेरे इलावा और भी मर्द हैं |  ________________ निरुपमा दत्त  (ये कविता पंजाबी से हिंदी में अनूदित कि गयी है )
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वो बाल जो मैंने इसलिए
बड़े किए थे ,
कि तेरे गाव के लड़के
...
मुझे काली मेम कह कर न छेड़े ,
बाल काटने वाली चीनी लड़की ने
फिर छोटे काट दिए है |

न पहने रेशमी सूटो को
अलमारी के अँधेरे कोने में
पतलूनो के पीछे धकेल दिया है |
तेरा अधूरा स्वेटर सलाइओ समेत
दूर रख कर ऊँगलिया
टाईप रायटर से ब्याही गयी है |

बाथरूम में से सिगरिटो का
पैकट निकाल
और कॉफ़ी हॉउस में धुँआ
छोड़ कर
मुझे लगता है
तेरे इलावा और भी मर्द हैं |

________________ निरुपमा दत्त
(ये कविता पंजाबी से हिंदी में अनूदित कि गयी है )
31 Oct 2012

j singh
j
Posts: 2871
Gender: Male
Joined: 18/Nov/2011
Location: beautifull
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very nycc......tfs.......

01 Nov 2012

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