प्यार करता हूँ जिसेलिखा उसका नामहवा पर...प्यार करता हूँ जिसेलिखा उसका नामपानी पर...
लेकिनहवा को सुनाई देता है कमऔर पानी कोयाद नहीं रहता कोई भी नाम ...
___________ निज़ार क़ब्बानी (अनुवाद -- सिद्धेश्वर सिंह )